मंदिर के बारे में
नाम : कशी विश्व नाथ
निर्माण करता: महारानी अहिल्या बाई होल्कर
निर्माण समय : सं १७८० में महाराणा रणजीत सिंह ने सोने द्वारा बनवाया था
यह मंदिर गंगा नदी के पवित्र तट के किनारे है ,कशी विश्वनाथ मंदिर हिन्दू धर्म के प्रसिध्द भगवान् शिवशंकर के नाम से भी महत्वपूर्ण नाम से जाना जाता है ,यह मंदिर उतरप्रदेश में होने के बावजूद भी यहाँ भारत के सभी देशो से एवम विदेशो से भक्त था सैलानी घुमने एवम दर्शन के लिए आते है !
यह मंदिर की मुख्या विसेसता यह है की यह मंदिर १२ ज्योर्तिलिंगो के नाम से भी जाना जाता है
यह मंदिर न केवल वाराणसी या भारत में ही प्रसिद्ध है बल्कि कशी विश्वनाथ मंदिर हमारे देश के बाहर पुरे विश्व भर में जाना जाता है।
कशी विश्वनाथ मंदिर शिव भगवान के नाम से भी प्रसिद्ध है इसलिए इस मंदिर में महा शिव रात्रि मुख्या रूप से पर्व के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है ,तथा इस समय सर्धालु दूर दूर से भगवन के दर्शन तथा दर्शन को आते है ! मंदिर की सजावट तथा बनावट एवं पूजा भक्तों को स्वयं में ा भगवन की ओर आकर्षित करने में नहीं चूक पाती ! मंदिर में भक्तों तथा श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधाये जैसे -पूजा की सामग्री ,अपने जरुरत की चींजो को रखने तथा रहने के लिए जगह आश्रम या होटल जैसी सुविधाए उपलब्ध है !
भक्तों को इस मंदिर तक जाने में किसी तरह की कोई असुविधा नहीं हो पति क्यूंकि यह मंदिर वाराणसी में है और वाराणसी एक फेमस सिटी के एवं मंदिरों के लिए सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध मन जाता है और यहाँ तक दर्शन को जाने के लिए ट्रेन ,बस ,हवाईजहाज जैसी सुविधायें है!
महत्व : इस मंदिर की मुख्या विशेषता यह है की यहाँ आदि शंकराचार्य,रामकृष्ण परमहंस स्वामी विवेकानद,बामाख्यापा, गोस्वामी तुलसीदास, तथा स्वामी दयानन्द जी जैसे महान संतो के अनुयायी आज भी संतो के रूप में भक्तो को ज्ञान की शिक्षा देते है एवं मंदिर में पूजा पाठ करते है !
भक्तों तथा लोगो का यह भी मानना है की यह मंदिर में आये हुए ,सभी लोगो की मुरदे तथा मन्नत जरूर पूरी होती है ! कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता है ,तथा इस मंदिर में शांति एवं सुकून का अनुभव होता है !
वाराणसी रेलवे स्टेशन से दुरी : वाराणसी स्टेशन से मंदिर की दूरी 5. 5 km है।
नाम : कशी विश्व नाथ
निर्माण करता: महारानी अहिल्या बाई होल्कर
निर्माण समय : सं १७८० में महाराणा रणजीत सिंह ने सोने द्वारा बनवाया था
यह मंदिर गंगा नदी के पवित्र तट के किनारे है ,कशी विश्वनाथ मंदिर हिन्दू धर्म के प्रसिध्द भगवान् शिवशंकर के नाम से भी महत्वपूर्ण नाम से जाना जाता है ,यह मंदिर उतरप्रदेश में होने के बावजूद भी यहाँ भारत के सभी देशो से एवम विदेशो से भक्त था सैलानी घुमने एवम दर्शन के लिए आते है !
यह मंदिर की मुख्या विसेसता यह है की यह मंदिर १२ ज्योर्तिलिंगो के नाम से भी जाना जाता है
यह मंदिर न केवल वाराणसी या भारत में ही प्रसिद्ध है बल्कि कशी विश्वनाथ मंदिर हमारे देश के बाहर पुरे विश्व भर में जाना जाता है।
कशी विश्वनाथ मंदिर शिव भगवान के नाम से भी प्रसिद्ध है इसलिए इस मंदिर में महा शिव रात्रि मुख्या रूप से पर्व के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है ,तथा इस समय सर्धालु दूर दूर से भगवन के दर्शन तथा दर्शन को आते है ! मंदिर की सजावट तथा बनावट एवं पूजा भक्तों को स्वयं में ा भगवन की ओर आकर्षित करने में नहीं चूक पाती ! मंदिर में भक्तों तथा श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधाये जैसे -पूजा की सामग्री ,अपने जरुरत की चींजो को रखने तथा रहने के लिए जगह आश्रम या होटल जैसी सुविधाए उपलब्ध है !
भक्तों को इस मंदिर तक जाने में किसी तरह की कोई असुविधा नहीं हो पति क्यूंकि यह मंदिर वाराणसी में है और वाराणसी एक फेमस सिटी के एवं मंदिरों के लिए सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध मन जाता है और यहाँ तक दर्शन को जाने के लिए ट्रेन ,बस ,हवाईजहाज जैसी सुविधायें है!
महत्व : इस मंदिर की मुख्या विशेषता यह है की यहाँ आदि शंकराचार्य,रामकृष्ण परमहंस स्वामी विवेकानद,बामाख्यापा, गोस्वामी तुलसीदास, तथा स्वामी दयानन्द जी जैसे महान संतो के अनुयायी आज भी संतो के रूप में भक्तो को ज्ञान की शिक्षा देते है एवं मंदिर में पूजा पाठ करते है !
भक्तों तथा लोगो का यह भी मानना है की यह मंदिर में आये हुए ,सभी लोगो की मुरदे तथा मन्नत जरूर पूरी होती है ! कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता है ,तथा इस मंदिर में शांति एवं सुकून का अनुभव होता है !
वाराणसी रेलवे स्टेशन से दुरी : वाराणसी स्टेशन से मंदिर की दूरी 5. 5 km है।
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